Facts About hanuman chalisa Revealed
Facts About hanuman chalisa Revealed
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[BuddhiHeena=with out intelligence; tanu=human body, person; jaanike=being aware of; sumirau=remembder; pavanakumar=son of wind god, Hanuman; Bal=toughness; Buddhi=intelligence; Bidya=knowledge; dehu=give; harahu=get rid of, crystal clear; kalesa=ailments; bikara=imperfections]
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
By your grace, one will go to the immortal abode of Lord Rama soon after Dying and remain devoted to Him.
Anjana presents delivery to Hanuman within a forest cave, just after staying banished by her in-regulations. Her maternal uncle rescues her within the forest; although boarding his vimana, Anjana unintentionally drops her child with a rock. Nonetheless, the child stays uninjured when the rock is shattered. The infant is elevated in Hanuruha, As a result receiving the identify "Hanuman."
भावार्थ – श्री सनक, सनातन, सनन्दन, सनत्कुमार आदि मुनिगण, ब्रह्मा आदि देवगण, नारद, सरस्वती, शेषनाग, यमराज, कुबेर तथा समस्त दिक्पाल भी जब आपका यश कहने में असमर्थ हैं तो फिर (सांसारिक) विद्वान् तथा कवि उसे कैसे कह सकते हैं? अर्थात् आपका यश अवर्णनीय है।
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
manaManaMind / considered kramaKramaActions / deed vachanaVachanaWords dhyānaDhyānaMeditate / contemplate jo lāvaiJo lāvaiWho keeps / applies That means: Lord Hanuman releases from afflictions, sufferings and website difficulties for those who don't forget/meditate him in views, phrases and deeds.
नमो महा लक्ष्मी जय माता।तेरो नाम जगत विख्याता॥ आदि शक्ति हो मात भवानी।पूजत सब नर मुनि ज्ञानी॥
Now verified as a true devotee, Rama cured him and blessed him with immortality, but Hanuman refused this and questioned just for a place at Rama's feet to worship him.
[one hundred forty five] He is depicted as donning a crown on his head and armor. He is depicted as an albino with a powerful character, open mouth, and in some cases is shown carrying a trident.
सत्संग के द्वारा ही ज्ञान, विवेक एवं शान्ति की प्राप्ति होती है। यहाँ श्री हनुमान जी सत्संग के प्रतीक हैं। अतः श्री हनुमान जी की आराधना से सब कुछ प्राप्त हो सकता है।
यहाँ हनुमान जी के स्वरूप की तुलना सागर से की गयी। सागर की दो विशेषताएँ हैं – एक तो सागर से भण्डार का तात्पर्य है और दूसरा सभी वस्तुओं की उसमें परिसमाप्ति होती है। श्री हनुमन्तलाल जी भी ज्ञान के भण्डार हैं और इनमें समस्त गुण समाहित हैं। किसी विशिष्ट व्यक्ति का ही जय–जयकार किया जाता है। श्री हनुमान जी ज्ञानियों में अग्रगण्य, सकल गुणों के निधान तथा तीनों लोकों को प्रकाशित करने वाले हैं, अतः यहाँ उनका जय–जयकार किया गया है।
व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज की शरण लेने पर सभी प्रकार के दैहिक, दैविक, भौतिक भय समाप्त हो जाते हैं तथा तीनों प्रकार के आधिदैविक, आधिभौतिक एवं आध्यात्मिक सुख सुलभ हो जाते हैं।